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जयपुर में सबसे प्रसिद्ध लैंडमार्क हवा महल है, जिसे पैलेस ऑफ द विंड्स के नाम से भी जाना जाता है।
हवा महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के पोते महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था।
हवा महल में प्रवेश करते हुए खुबसूरत चंद्रपोली द्वार भी है इस पर बहुत ही सुंदर देवी देवों की मुर्तिया बनाई गई है।
हवा महल में पांच मंजिले है पहली मंजिल को शरद मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “शरद महल
”।
दूसरी मंजिल को रतन मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “गहना महल”।
तीसरी मंजिल को विचित्र मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “अद्भुत महल”।
चौथी मंजिल को प्रकाश मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “लाइट पैलेस”।
पांचवीं मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “हवाओं का महल”। पांचवीं मंजिल महल की छत है।
यहाँ एक बहुत ही सुंदर म्यूजियम भी बनाया गया है जहाँ कई सो साल पुरानी मुर्तिया रखी गई है।
प्रताप मंदिर सवाई प्रताप सिंह जी का निजी निवास था जहाँ वे एकांत में कृष्ण आराधना करते और कविताएँ लिखा करते थे
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