जंतर मंतर जयपुर का इतिहास की कुछ ख़ास बाते

जंतर मंतर जयपुर का निर्माण 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में महाराजा सवाई जय सिंह II द्वारा करवाया गया था।  

जयपुर में पहला जंतर मंतर 1724 में बनाया गया था। इसके बाद दिल्ली, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में वेधशालाएं बनाई गईं।  

वेधशालाओं का निर्माण पारंपरिक भारतीय खगोलीय ज्ञान और पश्चिमी खगोलीय ज्ञान के संयोजन से किया गया था 

जंतर मंतर के यंत्रों का उपयोग समय मापने, ग्रहण की भविष्यवाणी करने और तारों और ग्रहों की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता था।  

ये यंत्र सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गति का अध्ययन करने के लिए भी उपयोग किए जाते थे।  ।  

वेधशालाएँ 18वीं शताब्दी में खगोल विज्ञान अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र थीं। 

जयपुर जंतर मंतर का इतिहास विश्व प्रसिद्ध है