अम्बर किला, जिसे अमेर किला भी कहा जाता है, राजस्थान, भारत में स्थित एक महान और ऐतिहासिक संरचना है।
ये किला राजपूत और मुग़ल वास्तुशिल्पी शैलियों का एक सुंदर संगम और भारतीय इतिहास का प्रतीक है।
अपनी सुंदरता, महिमा और रोचक इतिहास के साथ, अम्बर किला हर साल देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
आमेर, या अम्बर, का नाम अंबिकेश्वर मंदिर से लिया गया है, जो चील का टीला के ऊपर बना है।
ये संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बना, भव्य महल चार स्तरों पर बना है, प्रत्येक स्तर में एक आंगन है।
इसमें “निजी दर्शकों का हॉल” दीवान-ए-खास, “ दीवान-ए-आम, शीश महल और सुख निवास शामिल हैं
यहाँ महल के भीतरी भाग मे पानी के झरने के ऊपर बहने वाली हवाओं द्वारा एक ठंडी जलवायु कृत्रिम रूप से बनाई जाती है।
ये महल राजपूत महाराजाओं और उनके शाही परिवारों का निजी निवास स्थान था।
महाराजा मान सिंह ने 12 कमरे बनवाए अपनी 12 रानियों के लिए और प्रत्येक कमरे में राजा के कमरे से जुड़ी एक सीढ़ी थी।
ये महल चील का टीला या ईगल्स की पहाड़ी कहे जाने वाली पहाड़ी पर स्थित है।
कछवाहा वंश के प्रमुख राजपूत शासकों में से एक, राजा मान सिंह प्रथम ने 1592 में इसका निर्माण शुरू किया था।
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