यह भारतीय संस्कृति और इतिहास की धरोहर का प्रतीक है।

आमेर, या अम्बर, का नाम अंबिकेश्वर मंदिर से लिया गया है, जो चील का टीला के ऊपर बना है।  

शीश महल इस आकर्षक चंबर में हजारों छोटे हाथ से बने दर्पण हैं, जो रोशनी का सबसे छोटा बिंदु भी प्रतिबिम्बित करते हैं,  

गणेश पोल ये तीन-स्तरीय संरचना है, इस द्वार के ऊपर ही सुहाग मंदिर है

दीवान-ए-आम या सार्वजनिक दर्शक कक्ष है। 

सुख निवास या सुख महल (आनंद का हॉल) के रूप में जाना जाता है।  

मुग़ल गार्डन जय मंदिर और सुख निवास की इमरतों के बीच बना चाहर बाग या मुगल गार्डन की तर्ज पर बनाया गया है एक बगीचा है। 

बारादरी या मंडप कहा जाता है के महाराज यही बैठ कर महरानियों के मसले भी सुनते और उनका हल करते थे।  

महल से आप सुंदर झील का नज़ारा भी ले सकते है ये बेहद खूबसूरत है।