चुँग जुयंग का जन्म 1950 में हुआ था कोरिया के एक छोटे से गांव मेँ वो बड़े गरीब परिवार से थे
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गरीबी के कारण न तो उनके पास खाने को होता था न वो पढ़ाई कर सके, खेतों में कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ अच्छा नहीं था
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वो बच्पन से ही अपनी गरीब से निकालने की सोचते रहते थे, फिर एक दिन उन्होने घर से भाग जाने का फैसला ले लिया।
चुँग घर से भाग शहर आ गए वहाँ कन्स्ट्रकशन लबौर का काम मिल गया, काम बड़ा मुश्किल और पैसे बड़े कम थे
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पहले कंस्ट्रक्शन लेबर फिर फैक्टरी वर्कर और फाइनली भोखीयम राइस स्टोर में एक डिलिवरी बॉय की जॉब मिली।
कस्टमर, शॉप ओनर्स उनके काम से ख़ुश थे छह महीने के अंदर उन्होंने डिलीवरी बॉय से स्टोर मैनेजमेंट का काम मिल गया।
वार टू का टाइम के समय कोरिया में जापान का रूल था। जैपनी ने सभी राइस स्टोर की ऑनरशिप ले ली।
उनकी सालों की मेहनत से बनाया हुआ बिजनस एक ही झटके में खत्म हो गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
1940 में चुँग ने लोन लेके गैराज खोला, लेकिन खराब किस्मत कि महीने बाद ही गैराज में आग लग गई सब राख हो गया।
चुँग ने हमेशा की तरह प्रॉब्लम फेस की और 3500 वॉर्न का फ्रेश लोन लिया और पहले से भी अच्छा गैराज खड़ा किया।
गैराज इतना सक्सेसफुल हुआ कि 3 साल में वर्कफोर्स 80 तक ग्रो हो गई थी और चुँग ने अपना लोन रीपे कर दिया था।
एक बार फ़िर वार के चलते, जापान ने उनके गैराज की ओनरशिप ले ली मगर चुँग ने हार ना मानी।
1946 में चुँग ने फ़िर से वापसी की, अपना बिज़नस रिस्टार्ट किया बिज़नस पुराना था पर नाम नया “हुंडई ऑटो सर्विस”।
इसके बाद भी चुँग को बड़ी मुश्किले आई मगर उन्होने कभी हार ना मान कर अपने ब्रांड को विशव प्रसिद्ध कर दिया।
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Poor Korean Boy who built Hyundai No.1