वार के बाद साउथ कोरियन ने कंट्री को रीबिल्ड करने के लिए ब्रिज, डैम्स और रोड्स को तेजी से बनाना शुरू किया।
साउथ कोरिया का सबसे बड़ा डैम सोयम डैम और उनका सबसे इम्पोर्टेन्ट एक्सप्रेस वे चुंगु एक्सप्रेस वे हुंडई न हीं बनाया।
हुंडई हजारों किलोमीटर की रोड बना चूके थे और अब बारी थी उन रोड पे चलने वाली कार बनाने की।
1967 में चुँग ने स्टैब्लिश की हुंडई मोटर कंपनी और 1968 में फोर्ड्स के साथ डील की और उनकी कार के पार्ट्स बनाए।
दो साल तक ये जॉइंट वेंचर चला, इसके बाद दोनों कंपनीस के बीच मत भेद होने लगे, चुँग ने पार्टनरशिप खत्म कर दी।
मैन्युफैक्चरिंग की टेक्नोलॉजी के लिए हुंडई ने जापान की मित्सुबिशी मोटर्स से एग्रीमेंट किया।
उसी दौरान साउथ कोरियन ने ऑटो मोबाइल कंपनीज के लिए आदेश निकाला की उन्हे एक सिटिज़न कार बनानी है।
कोरिया ऐसी कार चाहता था जो आफोर्डेबल और रिलाएबल हो और उसमें केवल साउथ कोरिया में बने पार्ट्स हो।
1976 में हुंडई ने बनाई साउथ कोरिया की फर्स्ट एवर मास प्रोड्यूस्ड कार अंडर फोनी।
अफोर्डेबिलिटी के कारण ये कार साउथ कोरिया में सक्सेसफुल हुई और वहाँ की सबसे बड़ी कार कंपनी बन गई ।
1982 हुंडई ने पोनी 2 कार लॉन्च की ये सुपरहिट रही और उसे अफ्रीका, अमेरिका, कनाडा कन्ट्रीज में एक्सपोर्ट किया गया।
इस तरह हुंडई ने पूरे विशव में अपनी जगह बना कर कोरिया को रीबिल्ड करने में खास भूमिका निभाई।
विस्तार से पढ़ने के' लिए अभी क्लिक करे
Poor Korean Boy who built Hyundai No.1
READ NOW