Albert Hall Museum, Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर, Famous mueuum in jaipur की आधारशिला 1876 में रखी गई थी।
जयपुर अपने प्रचीन इतिहास और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। आमेर किला, सिटी पैलेस, हवा महल, जयगढ़ किला, बिरला मंदिर और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर शहर के मुख्य देखने वाले स्थान है। यहाँ ख़रीदारी के लिए बहुत से बाज़ार भी है जहाँ आप जयपुर की संस्कृति को प्रदशित करते वस्त्र, चदरे आदि घर का समान ख़रीद सकते है। जहाँ पारंपरिक शिल्प जैसे गहने बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना और वस्त्र अभी भी प्रचलित हैं।
Albert Hall Museum Jaipur अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर | |
नाम | अल्बर्ट हॉल म्यूजियम |
पता | अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर, राजस्थान, भारत |
स्थापना | 6 फरवरी 1876 |
टाइप | म्यूजियम |
चालक | जयपुर राजस्थान सरकार |
प्रवेश शुल्क | भारतीय 50 से 100 वेदेशी 200 से 500 |
घुमने में समय | 2 से 3 घंटे |
यात्रा का सबसे अच्छा समय | अक्टूबर से मार्च |
खुलने का समय | सुबह 9:00 से शाम 5:०0 तक शाम 7:00 से रात 9:30 तक |
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के महान इतिहास और संस्कृति का बेशकीमती ख़जाना है। इसकी स्थापना 1887 में जयपुर के महाराजा सवाई माधो सिंह द्वितीय द्वारा करवाई गई थी और इसका नाम राजा एडवर्ड सप्तम के नाम पर रखा गया था, जिन्हें सिंहासन पर चढ़ने से पहले अल्बर्ट एडवर्ड के नाम से जाना जाता था।
क्यूँ बनवाया गया था अल्बर्ट हॉल म्यूजियम ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – महाराजा राम सिंह शुरू में इस इमारत को एक टाउन हॉल बनाना चाहते थे, परन्तु उनके उत्तराधिकारी माधो सिंह द्वितीय ने निर्णय लिया के यहाँ जयपुर की कला के लिए म्यूजियम होना चाहिए और साथ ही इसे नए राम निवास गार्डन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। इस तरह जयपुर का सबसे पुराना म्यूजियम अल्बर्ट हॉल म्यूजियम बनवाया गया था।
म्यूजियम का नाम अल्बर्ट हॉल म्यूजियम क्यों रखा गया ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – म्यूजियम की आधारशिला माधो सिंह द्वितीय द्वारा वेस्ल के राजकुमार एडवर्ड सप्तम (अल्बर्ट एडवर्ड) से 6 फरवरी 1876 में उनकी जयपुर शहर की यात्रा के दौरान रखवाई गई थी। इसलिए म्यूजियम का नाम अल्बर्ट हॉल म्यूजियम रखा गया था। म्यूजियम को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी कर्नल टॉमस एच. हेंडली को दी गई थी, महाराजा और हेंडली को उनके दृष्टिकोण को साकार करने में इंजीनियर सैमुअल स्विंटन जैकब ने सहायता की थी।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम इतना प्रसिद्ध क्यूँ है ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के सबसे प्रसिद्ध और इतिहासिक म्यूजियम में से एक है जो विशव भर में प्रसिद्ध है। ये देश विदेश से लाई गई अलग-अलग तरह की ख़ास वस्तुओ का संग्रहालयसंग है। यहाँ हर साल सम्पूर्ण भारत और विदेश से कई यात्री और इतिहास और विंटेज चीजों में रुची रखने वाले हज़ारों लोग यहाँ घुमने आते है। अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के ख़ास स्थानों में से एक है।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में क्या है ख़ास ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – इस खुबसूरत म्यूजियम में 5,००० वर्षो से अधिक अवधि की 1,00,००० से भी अधिक सुंदर और बेशकिमिति कलाकृतियाँ शामिल हैं। जिनमें मुर्तिया, पेंटिंग, वस्त्र, हथियार, गहने और वाद्ययंत्र शामिल हैं। इसके इलावा पत्थर, हाथी दांत, कालीन, आभूषण धातु की मूर्तियां और क्रिस्टल में काम सहित कलाकृतियों का समृद्ध संग्रह है।
म्यूजियम की कुछ ख़ास विशेषताओं में – Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
- विष्णु जी की 10वीं सदी की बलुआ पत्थर से बनी खुबसूरत मूर्ति
- 17वीं सदी का चांदी का सिहांसन
- हाथीदांत से बने शतरंज मोहरों का 19वीं सदी का सेट
- मुग़ल लघु चित्रों का संग्रह
- फरांसी गार्डन कालीन
- मिस्र की एक ममी
ये शनादर म्यूजियम कर्नल टॉमस एच. हेंडली की मेहनत का परिणाम है जो स्थनीय कलाकारों के कौशल और शिल्प को संरक्षित करना चाहते थे। वे जयपुर के निवासियों के लिए दुनिया बर के स्थानों के सर्वश्रेष्ठ शिल्प कौशल का प्रदर्शन करना चाहते थे।
हेंडली द्वारा 19,००० के पास वस्तुओं का भंडार एकत्र किया गया था। जिसमें हथियार और कवच, मूर्तिकला, जापान, म्यांमार, हंगरी, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, श्रीलंका आदि कई देशो की कला, आभूषण, संगीत वाद्ययंत्र, हाथी दांत, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, कालीन शामिल थे।
यहाँ मिस्त्र के संग्रह में कई वस्तुएँ हैं, जिसमें मुख्य आकर्षण मिस्र की एक ममी है। 17वीं सदी के फरांसी कालीन और कई प्राचीन मुर्तिया के इलावा म्यूजियम के लिए कई पीतल और धातु की वस्तुएं हासिल की गई थी। उनमें से कुछ लाहौर में 1893-94 की पंजाब प्रदर्शनी में खरीदी गई थीं और कई लंदन के इंपीरियल इंस्टीट्यूट में जयपुर प्रदर्शनी की प्रतिकृतियां थीं।
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur म्यूजियम में मिट्टी के बर्तनों संग्रह सबसे बड़ा है जिसमें भारत के कई क्षेत्रों और पश्चिमी और पूर्वी दुनिया से लाए गए बहुत से नमूने शामिल है। इतिहास और संस्कृति में रुची रखने वालों को ये म्यूजियम ज़रूर देखना चाहिए।
ईमारती सरचना ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – ये खुबसूरत ईमारत संगमरमर और पत्थर से बनी है और इसे जटिल नक्काशी और पेंटिग से सजाया गया है। ईमारत के बाहरी हिस्से के शीर्ष पर कई छतरियां या गुंबद हैं, जयपुर में अल्बर्ट हॉल संग्रहालय इंडो-सारसेनिक वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है।
इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब द्वारा डिजाइन किया गया था, जिन्होंने भारतीय इस्लामी वास्तुकला को नव-गॉथिक के साथ जोड़ा था जो विक्टोरियन युग में फैशनेबल था। जिसे मीर तुजुमूल होसेन ने सहायता प्रदान की थी।
इसे 1887 में सार्वजनिक संग्रहालय के रूप में खोला गया था इमारत के आंतरिक भाग को कई दीर्घाओं में विभाजित किया गया है, जिसमें पेंटिंग, मूर्तियां, वस्त्र और हथियार सहित 100,000 से अधिक कलाकृतियों का संग्रह है।
टिकेट और टाइमिंग ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है, और यह सोमवार को बंद रहता है। वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 50 रुपये और बच्चों के लिए 25 रुपये है।
कैसे पहुंचे ? Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur
Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur – अल्बर्ट हॉल म्यूजियम राजस्थान, जयपुर की बहुत ही प्रसिद्ध जगहों में से एक है देश विदेश से लोग यहं गुमने आते है। जयपुर जाने के लिए आपको किसी भी शहर से बस या रेल आसानी से मिल जाती है और हवाई यात्रा के लिए यहाँ एअरपोर्ट भी है। जयपुर पहुंचने के बाद आप वहां से लोकल टैक्सी या लोकल बस, कैब, ऑटो रिक्शा आदि आसानी से लेकर Albert Hall Museum: The Pride of Jaipur जा सकते है।
अल्बर्ट अल्बर्ट हॉल म्यूजियम सिटी के मध्य में होने के कारण आप आसानी से वहां आ जा सकते है। लोकल कैब या ऑटो रिक्शा आदि मे किराए की बात करके ही बैठे नहीं तो आपको बाद अधिक किराया देने में समस्या आ सकती है। Jaipur City Palace travel guide: Best जानकारी के लिए अभी पढ़े
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम खुलने का समय ?
Albert hall museum timings?
सुबह 9:00 से शाम 5:०0 तक
शाम 7:00 से रात 9:30 तक
क्या अल्बर्ट हॉल संग्रहालय देखने लायक है?
Is Albert Hall Museum worth visiting?
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के महान इतिहास और संस्कृति का बेशकीमती ख़जाना है। यहाँ देखने के लिएविष्णु जी की 10वीं सदी की बलुआ पत्थर से बनी खुबसूरत मूर्ति, 17वीं सदी का चांदी का सिहांसन, हाथीदांत से बने शतरंज मोहरों का 19वीं सदी का सेट, मुग़ल लघु चित्रों का संग्रह, फरांसी गार्डन कालीन, मिस्र की एक ममी आदि है।
अल्बर्ट हॉल किस लिए प्रसिद्ध है?
What is albert hall famous for?
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम जयपुर के महान इतिहास और संस्कृति का बेशकीमती ख़जाना है ये अपनी खूबसूरती और इतिहासिक वस्तुओं के लिए विशव प्रसिद है मिस्र की एक ममी, 10वीं सदी की बलुआ पत्थर से बनी खुबसूरत मूर्ति आदि है।
अल्बर्ट हॉल की स्थापना किसने की थी?
म्यूजियम की आधारशिला माधो सिंह द्वितीय द्वारा वेस्ल के राजकुमार एडवर्ड सप्तम (अल्बर्ट एडवर्ड) से 6 फरवरी 1876 में उनकी जयपुर शहर की यात्रा के दौरान रखवाई गई थी। इसलिए म्यूजियम का नाम अल्बर्ट हॉल म्यूजियम रखा गया था।