महल को 6 अलग-अलग मगर मुख्य खंडो में बांटा गया है, जिनमें से सबका अपना-अपना प्रवेश द्वार और आंगन है।
मुख्य प्रवेश सूर्य द्वार या सूरज पोल से होता है इस द्वार का मुख उगते सूरज की ओर पूर्व की ओर था। इसलिए इसे यह नाम दिया गया।
सूरज पोल के बिल्कुल उल्टी दिशा में भी एक द्वार है जिसे चाँद पोल कहा जाता है। ।
जलेब चौक आमेर महल के चार प्रांगणों में से एक है, जलेब चौक एक अरबी मुहावरा है जिसका मतलब सैनिकों के इकट्ठा होने की जगह है
गणेश द्वार है जिसका नाम हिंदू देवता भगवान गणेश के नाम पर रखा गया है यही द्वार महाराजाओं के निजी महलों मे प्रवेश का मार्ग है।
दीवान-ए-आम या सार्वजनिक दर्शक कक्ष है।
शाही स्नान घर जो बहुत ही सुंदर है, इसे संगेमरमर से बनाया गया है। यहाँ राजा या राज घराने की रानियाँ स्नान किया करती थी।
किले के भीतर सबसे प्रसिद्ध आकर्षण में से एक है शीश महल, जिसे अंग्रेजी में मिरर पैलेस कहा जाता है।
सुख निवास या सुख महल (आनंद का हॉल) के रूप में जाना जाता है। यहाँ दीवारों को सुंदर संगमरमर की जड़ाई के काम से सजाया गया है
“जादुई फूल” नक्काशीदार संगमरमर का सुंदर पैनल है।
ये बाग मुगल गार्डन की तर्ज पर बनाया गया है एक बगीचा है।
इस मंडप का उपयोग महारानियों द्वारा बैठक स्थल के रूप में किया जाता था।
त्रिपोलिया गेट का अर्थ है तीन गेट या द्वार। ये द्वार तीन दिशाओं में खुलता है
त्रिपोलिया गेट का अर्थ है तीन गेट या द्वार। ये द्वार तीन दिशाओं में खुलता है
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