नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री का पूजन किया जाता है ये दुर्गा का प्रथम सवरूप है ये रजा हिमालय की पुत्री है
माँ दुर्गा का दितीय स्वरूप है माँ ब्रहाम्चारिणी इन्होने शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा का पूजन होता है ये माँ दुर्गा की तृतीये शक्ति है
नवरात्रि के चोथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा का विधान है इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है।
नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा का विधान है इनकी गोद में कार्तिक्ये है
नवरात्रि के छठे दिन माँ दुर्गा के कात्यायानी स्वरूप की आराधना की जाती है
माँ दुर्गा का सप्तम स्वरूप को माँ कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के सातवे दिन इनकी पूजा की जाती है
माँ दुर्गा का आठवे स्वरूप को माँ महागौरी कहा जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन इनकी पूजा की जाती है
नवरात्रि में नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माँ दुर्गा के नोवे सवरूप माँ सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है