राग डॉल म्यूजियम नेकचंद जी का ड्रीम प्रोजेक्ट था जो उनके दिल के करीब था

इसका उदघाटन यूटी प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने नेकचंद की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर किया था। 

यहाँ कई तरह की गुड़िया है जो अलग अलग तरह के दृश्य प्रदशित करती है और बेहद खुबसूरत लगती है। 

इस गुड़िया संग्रहालय में बेकार कपड़े से बनी लगबग 200 गुड़िया रखी गई है जो 1970 में नेकचंद द्वारा बनाई गई थी। यहाँ जाना बिल्कुल न भूले

इसे बहुत ही सुंदर बनाया गया है यहाँ रखी गुड़िया आपको पुराने समय की याद करवाती है 

राग डॉल म्यूजियम रॉक गार्डन के अन्दर ही स्थापित है जब भी जाए इसे ज़रूर देखे

ये बहुत ही प्रसिद्ध है इसे देखने लोग देश भर से आते है और वेदेशी पर्यटकों को भी ये बहुत पसंद आता है

राग डॉल म्यूजियम भारतीय संस्कृति और जीवन शेली को खुबसूरत दृश्य द्वारा दर्शाता है

यहाँ बनी कलाकृतिया भी  बहुत सुंदर है जो की बेकार की वस्तुओ से बनी है

राग डॉल म्यूजियम और रॉक गार्डन की हर वस्तु पूरी तरह से औद्योगिक, घरेलू कचरे और बेकार वस्तुओ से बने है। 

चंडीगढ़ की सबसे खुबसूरत जगह