नाहरगढ़ किला, जिसे “सुदर्शनगढ़ किला” या “टाइगर किला” के नाम से भी जाना जाता है 

इसका समृद्ध इतिहास और वास्तुकला की भव्यता इसे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आकर्षण बनाती है। 

किले का नाम नाहर सिंह नामक एक स्थानीय राजकुमार के नाम पर रखा गया था, जिसके बारे में माना जाता है कि उसकी आत्मा इस क्षेत्र में निवास करती है। 

यह किला अरावली पहाड़ियों पर स्थित है, जहां से जयपुर शहर दिखता है।  

नाहरगढ़ किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का शानदार मिश्रण समेटे हुए है।

इसके डिज़ाइन में मजबूत युद्धपोत, राजसी महल और अलंकृत द्वार शामिल हैं। 

उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक सुइट्स की श्रृंखला है जिसे “माधवेंद्र भवन” के नाम से जाना जाता है 

किले का आंतरिक भाग कई महलों, मंदिरों और बगीचों का घर है। सबसे उल्लेखनीय महल माधवेंद्र भवन पैलेस है 

19वीं शताब्दी में बनाया गया यह महल अपनी खूबसूरत वास्तुकला और राजपूत कलाकृतियों के संग्रह के लिए जाना जाता है।

सीढ़ीदार कुएँ किले के परिसर में “बावड़ियाँ” भी हैं, जो राजस्थान के शुष्क क्षेत्र में जल भंडारण के लिए महत्वपूर्ण थीं।