चुँग को बचपन में दिन रात खेतों में काम करना पड़ता था, फिर भी फैमिली के पास एक वक्त का खाना भी नहीं होता था। 

चुँग अपनी गरीबी और फार्म की लाइफ से फ्रस्ट्रेट होने लगे और अपने लिए भी एक बेहतर जिंदगी चाहने लगे । 

एक दिन रात के समय वो अपने घर से भाग गए, क्यूंकी वो ज़िंदगी में कुछ अच्छा करना चाहते थे। 

सबसे पहले एक कंस्ट्रक्शन लेबर फिर फैक्टरी वर्कर और फाइनली उन्हें भोखीयम राइस स्टोर में एक डिलिवरी बॉय की जॉब मिली।  

शॉप ओनर्स उनके काम से इतना इंप्रेस थे कि छह महीने में उन्होंने डिलीवरी बॉय से स्टोर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी मिल गई।    

चुँग की मेहनत को देख उन्होंने स्टोर चुँग के हवाले कर दिया, बाईस साल की उम्र में वे एम्प्लोई से बिज़नेसमन बन चूके थे। 

वर्ल्ड वार टू के टाइम जापान ने उनसे उनके स्टोर की ले लिया और उनका काम बंद हो गया। 

1940 में लोन लेके गैराज खोला लेकिन खोलने की एक महीने बाद ही गैराज में आग लग गई सब कुछ जलकर राख हो गया।  

चुँग ने प्रॉब्लम को फेस की उन्होंने  फ्रेश लोन लिया और पहले से भी अच्छा गैराज खड़ा किया।   

वर्ल्ड वार टू के चलते उनसे उनका कार सर्विस गैरेज भी जापान ने छिन लिया।   

उन्होंने हार न मानी और 1947 में 31 की उम्र में हुंडई सिविल वर्क्स कंपनी को स्टैब्लिश किया और कंस्ट्रक्शन बिज़नेस में एंट्री ली।  

1976 में चुँग ने एक नया प्लांट सेटअप किया और हुंडई ने बनाई साउथ कोरिया की फर्स्ट एवर मास प्रोड्यूस्ड कार अंडर फोनी 

1986 में हुंडई ने यूएस में कुल मिलकर 1,70,000 कार बेची और 1987 में करीब 2,60,000।   

72 की उम्र में चुँग ने हुंडई से रिटायरमेंट ले ली और ओवनेरनेरी चेयरमैन का टाइटल ले लिया।