एक गरीब लड़का जिसके पास खाने को कुछ न था कैसे आगे चल कर 1,00,000 करोड़ की कार कंपनी बना दी। 

चुँग गरीबी से तंग आकार कम उम्र में घर से भाग गए थे, क्यूंकी वो लाइफ में कुछ करना चाहते थे। 

पहले एक कंस्ट्रक्शन लेबर फिर फैक्टरी वर्कर और फाइनली उन्हें भोखीयम राइस स्टोर में एक डिलिवरी बॉय की जॉब मिली। 

चुँग की कड़ी मेहनत की, बाईस साल की उम्र में चुँग स्टोर एम्प्लोई से बिज़नेसमन बन चूके थे।  

सब कुछ अच्छा चल रहा था तभी एक ट्रैजिडी हो गई। वर्ल्ड वार टू जापान ने चुँग से भी उनकी राइस शॉप छीन ली गई।

चुँग ने हार नहीं मानी 1940 में लोन लेके गैराज खोला। खोलने के एक महीने बाद गैराज में आग से राख हो गया। 

उन्होंने 3500 वॉर्न का फ्रेश लोन लिया और पहले से भी अच्छा गैराज खड़ा किया। 

सब बेहतर था, तभी एक डिजास्टर हो गया। जापान को वर्ल्ड वार के चलते  उनके गैराज की ओनरशिप ले ली। 

1946 में चुँग ने वापसी की, कार रिपेर बिज़नस रिस्टार्ट किया पुराना काम नया नाम “हुंडई ऑटो सर्विस” हुंडई मतलब मोडरन। 

फिर चुँग ने 1947 में 31 की उम्र में हुंडई सिविल वर्क्स कंपनी को स्टैब्लिश किया और कंस्ट्रक्शन बिज़नेस में एंट्री ली।  

जून 1950 में नॉर्थ कोरिया साउथ कोरिया पे हमला कर देता है। चुँग को अपना पूरा काम छोड़कर  कुसंग शहर भागना पड़ता है। 

इतने बड़े क्राइसिस के बाद भी चुँग हाथ पे हाथ रख कर नहीं बैठे वो अमेरिका के लिए कन्स्ट्रकशन का काम करते रहे

1960 में सक्सेसफुल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक,1967 में चुँग ने स्टैब्लिश की हुंडई मोटर कंपनी और 1968 में फोर्ड्स से डील।